दुःख तो मुझे भी होता है ।
झीलों को , पंछियों को देखकर ,
उजड़े हुए अरमानों को देखकर ,
मुछों को दिया करती थी जो ताव ,
काँपते हुए उन हाथों को देखकर ,
हाँ , होता है ,
दुःख तो मुझे भी होता है ।
जब मेरे सपने टूट जाते हैं ,
आशाओं के हज़ार टुकड़े हो जाते हैं ,
बड़े ही उल्फत से संजाया था आशियाँ ,
एक आंधी से पेड़ ठूठ बन जाते हैं ,
हाँ , होता है ,
दुःख तो मुझे भी होता है ।
जब लहू का रंग फीका पड़ जाए ,
शाम खले और शमा थम सी जाये ,
हर जर्रे से बस यही पुकार आये ,
रुक जा , चल अब हार भी जाए ,
हाँ , होता है ,
दुःख तो मुझे भी होता है ।
फिर भी हँसता हूँ , ये जाली है ,
होटों पे ख़ुशी , दिल मेरा खाली है ,
मैं इंसान हूँ , इसका दुःख तो नहीं ,
मेरे लिए , पर , ये एक गाली है ,
हाँ , होता है ,
दुःख तो मुझे भी होता है ।
लड़ रहा हूँ , ज़िन्दगी बाकी है अभी ,
कुछ ख्वाब है , अधूरे हैं सभी ,
नहीं पता , पूरा कर पाउँगा क्या इन्हें ?
पर हिम्मत , मुझमे काफी है अभी ,
हाँ , होता है ,
दुःख तो है , लेकिन , सबको होता है ।
dukh to mujhe bhi hua hai ki 15 din ho gaye aur itne achchhe post pe koi like aur comment nahi hai . . .
ReplyDeleteanyways, awesome darling, simply awesome . . .
hahaha, are like n comment ki parwah kise hai... bas koi padh le yahi bahut hai :D
Deletebaki kaif tym se mujhe aapke comment ka jarur intezaar tha
engg. chodd de yar....
ReplyDelete:D , kaash aisa ho paata... trying hard... jis din laga ki is layak ho gaya hun ki engineering field chhod sakta hun, us din pakka chhod dunga...
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