मैं लिखूंगा ,
दर्द में डूबे हुए जज़बातों पे ,
सुनसान चीखती हुई रातों पे ,
आइना जिन्हे देख मुरझा जाये ,
हंसी जिनसे नाराज़ हो जाये ,
मैं उनकी कहानी लिखूंगा ।
दर्द शब्दों में बयान ना हो पाये ,
फरिश्तों से जिन्हे शिकवा हो जाये ,
रोने की जो कोशिश तो करे बहुत ,
लेकिन आंसुओं को मना ना पाए ,
मैं उनकी कहानी लिखूंगा ।
धूप में भी अँधेरा दिखायी दे ,
जिनकी रातों को ना सवेरा दिखायी दे ,
बारीश भी जिन्हे भीगने ना दे ,
तारा जो टूटे , एक ख्वाइश की क़त्ल कर दे ,
मैं उनकी कहानी लिखूंगा ।
लिख के कहानी खो जाऊंगा कहीं ,
खुद पे थोड़ा तब आएगा यकीन ,
इलज़ाम दूसरों पे आएगा लेकिन ,
छुपा के उनमे अपनी कहानी लिखूंगा ,
मैं एक ऐसी कहानी लिखूंगा ।
जिंदगी की इस भाग-दौड़ में
ReplyDeleteमैं से थोडा समय निकाल
किस्से-कहानियों से परे
आओ मिल कर हम और तुम
एक सुन्दर संसार बनाते हैं . . .
:D very beautiful lines
Delete